मन की बात कार्यक्रम में पीएम नरेन्द्र मोदी ने हरदोई के जतिन ललित के काम की मुक्त कंठ से की सराहना, जतिन ने बढ़ाया हरदोई का मान
प्रधानमंत्री ने मन की बात में कहा कि लखनऊ से करीब 70-80 किलोमीटर दूर हरदोई का एक गांव है बांसा। मुझे इस गांव के जतिन ललित सिंह जी के बारे में जानकारी मिली है, जो शिक्षा की अलख जगाने में जुटे हैं। कोई अगर विद्या का दान कर रहा है, तो वो समाज हित में सबसे बड़ा काम कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हरदोई के गांव बांसा में जतिन ललित सिंह शिक्षा की अलख जगाने में जुटे हैं। जतिन ललित सिंह ने करीब दो वर्ष पहले यहां पर सामुदायिक पुस्तकालय और अनुसंधान केंद्र शुरू किया। अब तो य
हां पर तीन हजार से भी अधिक पुस्तकें उपलब्ध हैं।
हां पर तीन हजार से भी अधिक पुस्तकें उपलब्ध हैं।
भारत गांवों में बसता है, इस कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं गांव के युवा जतिन कुमार जब कोविड महामारी के दौरान अपने गांव आए तब उनके मन में गांव के लिए कुछ करने की इच्छा जागी, गांव के शिक्षित युवाओं को आगे कंपटीशन की तैयारी के लिए गांव छोड़कर शहरों की ओर जाना न पड़े। सभी परिवारों की माली हालत ठीक नहीं होती है, ऐसी स्थिति में वह बाहर शहर का खर्चा कैसे वहन कर सकें। युवाओं के लिए गांव में ऐसा पुस्तकालय खोलने का संकल्प लिया जो सभी को आज की भागम भाग जिंदगी से एक अच्छे मित्र व ज्ञानार्जन के लिए किताबों से जोड़ सकें। पेशे से अधिवक्ता जतिन कुमार ने अपने साथियों के साथ एक बैठक की, एक सितंबर 2020 को गांव के एक प्राचीन मंदिर राम जानकी में पुस्तकालय की शुरुआत की। जिसमें ग्रामीण व मंदिर के ट्रस्टी रामपाल सिंह नेता के सहयोग से मंदिर प्रांगण में दो कमरों की सफाई पुताई का कार्य कराया। मित्र व ग्रामीणों ने आगे आकर एक युवक के कदम का बढ़-चढ़कर सहयोग किया। पुस्तकालय का नामकरण बांसा कम्युनिटी पुस्तकालय रिसर्च सेंटर के नाम से आधुनिक सुविधाओं से लैस शुरू हो गया। मित्र मंडली व संभ्रांत लोगों के सहयोग से लगभग तीन हजार किताबें पढ़ाई, कहानी, साहित्य, योग, कानून जानकारी, कई भाषाओं की धार्मिक, शिक्षण संबंधी प्रतियोगिता की तैयारी के लिए किताबे उपन्यास, पत्रिकाएं, समाचार पत्र का भंडार मौजूद है। प्रतियोगिता तैयारी के लिए ऑनलाइन कक्षा भी संचालित हैं। इस कोचिंग में तीन सौ बच्चे तैयारी कर रहे हैं। यह पुस्तकालय पूर्णतः निःशुल्क है। पुस्तकालय के बेहतर माहौल से एक छात्र प्रियांशु ने सीटीईटी की परीक्षा उत्तीर्ण की, ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान छोटे बच्चों के लिए समर कैंप चलाया गया। बच्चों को आईडी कार्ड मुहैया कराया गया। पुस्तकालय चलों स्लोगन की टी शर्ट दी गई है, जिससे छोटे बच्चों में पुस्तकालय आने की ललक होती है। नौनिहालों और युवाओं के अंदर प्रेरक व उत्साहवर्धन के लिए समय-समय पर अधिगम संवाद श्रृंखला कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जो सफल प्रतिभागी अपने अनुभव साझा करते हैं, साथ में युवाओं के अंदर उठने वाले प्रश्नों के उत्तर देते हैं। इस पुस्तकालय में सभी वर्ग, उम्र, धर्म के निःशुल्क पुस्तकालय का लाभ उठा सकते हैं। युवा अधिवक्ता जतिन ललित सिंह की अनूठी पहल से मल्लावां के विकासखंड के ग्राम बांसा कम्युनिटी लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर खुलने से गांव का शैक्षिक माहौल बदल गया। गांव के ड्रॉप्ट आउट बच्चों की संख्या कम हो गई। गांव के बच्चे फालतू नहीं घूमते हैं। युवा जतिन ललित सिंह महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित हैं। जतिन ललित सिंह के इस प्रयास से प्रेरित होकर एचसीएल फाउंडेशन ने बच्चों को बैठकर पढ़ाई के लिए फर्नीचर की सुविधा मुहैया कराई। पुस्तकालय में एक पुराना नल लगा है, जो गर्मी में वाटर लेवल कम होने के कारण पेयजल की समस्या खड़ी हो गई है। संस्थापक ने बताया लोगों व जनप्रतिनिधियों से सहयोग की अपील कर प्रसिद्ध पुस्तकालय परिसर में पेयजल की दिक्कत दूर की जाएगी। ग्रामीण क्षेत्र में जतिन ललित सिंह के इस कदम की लोग सराहना कर रहे हैं। वहीं युवाओं के लिए प्रेरक हैं, जो अपने समाज व राष्ट्र के लिए कुछ अलग करते हैं।
रिपोर्ट - पी०डी० गुप्ता
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