"बहादुर बेटियां फाउण्डेशन" ने मनाया अपना वार्षिकोत्सव "शक्ति स्वरुपा" हार नहीं मानूंगी
"एसिड अटैक किसी लड़की के न केवल शरीर को विकृत करता है बल्कि मानसिक रूप से भी विक्षिप्त कर देता है और घर परिवार के सारे रिश्ते नाते भी दूरी बनाने लगते हैं ऐसी परिस्थितियों में उसे न केवल स्वयं से बल्कि समाज से भी लड़ना पड़ता है" उक्त विचार एसिड अटैक का दंश झेल चुकी रूपाली विश्वकर्मा तथा खुशबू प्रसाद ने बहादुर बेटियां फाउंडेशन के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किये। बहादुर बेटियां फाउंडेशन आज अपना पंचम वर्षिकोत्सव "शक्ति स्वरूपा" हार नहीं मानूंगी शीर्षक व कवयित्री सम्मेलन के साथ धूमधाम से मना रहा था। रुपाली जी ने अपने अनुभव शेयर करते हुए आज कहा कि आज भी एसिड अटैक की घटनाएं लगातार हो रही है इसके लिए सरकार को कठोर कानून के साथ कठोरतम कार्यवाही करनी चाहिए। इससे पूर्व रूपाली विश्वकर्मा तथा खुशबू प्रसाद ने मां शक्ति स्वरूपा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर तथा अपनी पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया सरस्वती वंदना खुशबू गुप्ता तथा स्वागत गीत विनीता पांडे व उनकी टीम द्वारा प्रस्तुत किया गया। अतिथियों का स्वागत करते हुए फाउंडेशन के अध्...