राम जानकी मंदिर में श्रीमद भगवत कथा सुनने के लिए उमड़े भक्तजन
आचार्य संतोष भाई जी की कथा सुनने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचे भक्तजन
श्रीराम जानकी मंदिर परिसर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा कार्यक्रम में आचार्य श्री संतोष भाई जी ने आज कथा के तीसरे दिन मनुष्य के मन को नियंत्रण करने का साधन बताया। उन्होंने कहा कि मनुष्य का मन बहुत चंचल होता है। इसे केवल ध्यान सेवश में किया जा सकता है। कपिल भगवान का आख्यान सुनाते हुए आचार्य श्री संतोष भाईजी ने बताया कि मन चंचल है, स्त्रियों का आभूषण उनकी लज्जा है। स्त्रियो का धर्म पहले अपने परिवार के लिए है।
पति के चरणों की सेवा करते करते सती अनुसुइया ने गंगा महरानी को अपने घर प्रगट करा दिया।
स्त्रियों को अपने पति की बात माननी चाहिए। अपने पति भगवान शिव की बात न मान कर सती को पश्चाताप की अग्नि में जलना पडा। गृहस्थ आश्रम में पति पत्नी परस्पर एक दूसरे पर भरोसा करके परिवार को सुख प्रदान कर सकते हैं भक्ति करने की कोई आयु नहीं होती किसी भी उम्र में मनुष्य भगवान की प्राप्ति कर सकता है बालक ध्रुव ने 5 वर्ष की अवस्था में भगवान की प्राप्ति कर ली और उनकी कृपा से राज्य भोग सुख भी प्राप्त किया। अंत में भगवान के धाम को गए मनुष्य जीवन ही ऐसा जीवन है जहां स्वभाव का परिवर्तन संभव है। पशु योनि में स्वभाव का परिवर्तन संभव नहीं है। राजा भरत ने अंत समय में हिरण का चिंतन किया। अगला जन्म उन्हें हिरण का मिला श्रेष्ठ संगत के प्रभाव से हिरण बनने के बाद उन्होंने ब्राम्हण का शरीर प्राप्त किया एवं राजा रघुवर की मुक्ति कराई भगवान का नाम इस भवसागर से मनुष्य को पार लगा देता है।
अजामिल की कथा सुनाते हुए आचार्य जी ने बताया की भाव से बिना भाव से भगवान का नाम कीर्तन करते रहने से यमराज आ पास नहीं आते मनुष्य को भगवान के चरणों में स्थान मिलता है । कल श्रीमद् भागवत कथा के दौरान भगवान श्री कृष्ण का प्राकट्य जन्म उत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया जाएगा । सभी भक्तों से अनुरोध है सपरिवार इष्ट मित्रों सहित कथा पंडाल में पहुंचे। मंच संचालन अपूर्व माहेश्वरी ने किया।
राजेंद्र पटेल के संरक्षण में राधा कृष्ण मंदिर सत्संग मंडल के तत्वावधान में आज की कथा में मुख्य रूप से जिलाध्यक्ष अलका गुप्ता भाजपा महिला मोर्चा, राजबाला अग्रवाल, अनीता जिंदल, भाजपा नेता राजा बक्श सिंह और राजेश अग्निहोत्री आदि भक्तजन भी मौजूद रहे।
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